सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल रिफॉर्म एक्ट 2021 के प्रावधान रद्द किए, कहा संसद हमारे फैसले नहीं पलट सकती
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संवाद 24 | नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के ट्रिब्यूनल रिफॉर्म एक्ट 2021 के कई महत्वपूर्ण प्रावधानों को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया। अदालत ने स्पष्ट कहा कि संसद केवल मामूली संशोधन करके पूर्व में दिए गए न्यायालय के निर्णय को निष्प्रभावी नहीं कर सकती। ऐसा करना न्यायपालिका की स्वतंत्रता और संविधान की मूल संरचना पर आघात माना जाएगा। यह फैसला मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने सुनाया। सुनवाई 11 नवंबर को पूरी हुई थी।
मामले की शुरुआत नवंबर 2020 में हुई थी जब सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल कम से कम पांच वर्ष तय किया था। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने 2021 में नया कानून लागू किया और कार्यकाल चार वर्ष कर दिया। साथ ही न्यूनतम आयु सीमा 50 वर्ष निर्धारित की गई। मद्रास बार एसोसिएशन ने इसे चुनौती दी और तर्क दिया कि सरकार वही प्रावधान फिर से लागू कर रही है जिन्हें कोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है।
अदालत ने कहा कि गैरजरूरी और सतही बदलाव संवैधानिक सिद्धांतों को प्रभावित करते हैं। न्याय व्यवस्था की स्वतंत्रता लोकतांत्रिक प्रणाली का मूल तत्व है और इसे कमजोर करने की कोई भी कोशिश स्वीकार्य नहीं होगी।
ट्रिब्यूनल विशेष मामलों की सुनवाई करते हैं और सामान्य अदालतों का भार कम करने के लिए गठित किए जाते हैं। इन्हें संसद द्वारा बनाए गए कानून के माध्यम से स्थापित किया जाता है। यहां न्यायाधीशों के साथ विषय विशेषज्ञ भी शामिल होते हैं और प्रक्रिया अपेक्षाकृत सरल होती है ताकि मामलों का तेजी से निस्तारण हो सके। ट्रिब्यूनल के निर्णयों को आवश्यकता पड़ने पर हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।
विवादित प्रावधानों में सदस्य का कार्यकाल चार वर्ष तय किया गया था जबकि अदालत मानती थी कि कार्यकाल कम से कम पांच से छह वर्ष होना चाहिए ताकि निर्णय लेने में स्वतंत्रता और स्थिरता बनी रहे। न्यूनतम आयु सीमा 50 वर्ष तय किए जाने पर भी आपत्ति थी क्योंकि इससे युवा विशेषज्ञों की भागीदारी सीमित हो जाती है।
अदालत के इस निर्णय को न्यायिक स्वायत्तता की सुरक्षा और संविधान की भावना को बनाए रखने वाला माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान की संरचना को प्रभावित करने वाले किसी भी बदलाव की अनुमति नहीं दी जा सकती।






