Arattai “बातों की चाबी” स्वदेशी संचार क्रांति का नया आयाम
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संवाद 24 (संजीव सोमवंशी)। भारत में जब डिजिटल-संचार ने जीवन के हर कोने में जगह बना ली है, तब संचार ऐप्स का चयन भी सिर्फ सुविधा का नहीं, बल्कि सुरक्षा, स्वदेशीपन और डेटा-नियंत्रण का विषय बन गया है। ऐसी पृष्ठभूमि में Arattai नामक ऐप ने विशेष रूप से ध्यान खींचा है। यह ऐप Zoho Corporation द्वारा विकसित किया गया है और भारत में स्वदेशी संदेश-विनिमय (messaging) प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी पहचान बना रहा है।
Arattai की उपयोगिता: क्या है जो इसे विशेष बनाता है?
1. साधारण और सहज संचार Arattai उपयोगकर्ता को संदेश (टेक्स्ट), वॉयस-नोट, फोटो-वीडियो भेजने, ऑडियो-वीडियो कॉल करने, दस्तावेज़ साझा करने जैसी मूलभूत सुविधाएँ देता है उदाहरण के लिए, यदि आप अपने परिवार या मित्रों से संपर्क में रहना चाहते हैं Arattai यह सुविधा देता है, लागत-मुक्त।
2. मल्टी-डिवाइस और प्लेटफॉर्म-सहायता ऐप सिर्फ स्मार्टफोन तक सीमित नहीं है आप इसे टैबलेट, डेस्कटॉप, स्मार्टटीवी आदि पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार एक ही खाते से पांच (5) डिवाइस तक समन्वित (sync) किए जा सकते हैं। यह सुविधा उन उपयोगकर्ताओं के लिए बेहद सहायक है, जो फोन-बदलते हैं या मल्टी-डिवाइस पर काम करते हैं।
3. स्वदेशी-निर्मित और निगरानी-मुक्त माहौल का वादा ऐप स्वयं को “Indian-made”, “spyware-free” विकल्प के रूप में प्रस्तुत करता है। इसकी वेबसाइट पर प्रमुख रूप से लिखा है: “Talk. Nobody’s listening.” (बात करें, कोई सुन नहीं रहा) यह वादा विशेष रूप से उन उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करता है जो डेटा-निजता (data-privacy) या विदेशी कंपनियों द्वारा संरक्षित प्लेटफॉर्म्स के विकल्पों की तलाश में हैं।
4. ग्रुप, चैनल व साझा कहानियाँ (Stories) सुविधाएँ Arattai में ग्रुप चैट्स, ब्रॉडकास्ट चैनल, अपनी “कहानी” (story) साझा करने की सुविधा मौजूद है जिससे यह सिर्फ एक एक-पर-एक (1-on-1) चैट ऐप से आगे बढ़कर सामूहिक संवाद का प्लेटफॉर्म बन जाता है।
5. कम-बैंडविड्थ एवं ग्रामीण/अर्ध-शहरी माहौल के अनुकूल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Arattai ने अपने ऐप को ऐसे फोनों और इंटरनेट-परिस्थितियों के अनुरूप बनाया है जहाँ नेटवर्क काफी मजबूत नहीं है। यह सुविधा भारत के उन हिस्सों में भी संवाद-उपयोग को आसान बनाती है, जहाँ हाई-स्पीड इंटरनेट हमेशा उपलब्ध नहीं होता।
स्वदेशी भावना और भारत में डिजिटल आत्मनिर्भरता
लंबे समय से भारत में “मेक इन इंडिया”, “आत्मनिर्भर भारत” जैसे नारे प्रचलित रहे हैं, और अब डिजिटल-टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी यह विशेष रूप से प्रासंगिक हो गए हैं। Arattai इस दिशा में एक प्रतीक-चिह्न बनकर उभरा है।
Arattai शब्द तमिल भाषा का है, जिसका मतलब है “चर्चा” या “बातचीत” (chat) इससे यह स्पष्ट होता है कि ऐप सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय भाषा-संस्कृति से जुड़ने का प्रयास है। इस प्रकार, यह न सिर्फ एक संदेश ऐप है, बल्कि घरेलू (home-grown) संचार प्लेटफॉर्म का प्रतीक भी है जो विदेशी प्लेटफॉर्म्स पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम है।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि ऐप ने भारत में बहुत तेजी से लोकप्रियता हासिल की, उदाहरण के लिए, कुछ दिनों में लाखों डाउनलोड हुए। जब एक संवाद-प्लेटफॉर्म “भारत में बना है, भारत के लिए” के सन्देश के साथ आता है, तो उपभोक्ताओं में “स्वदेशी प्रयोग” की प्रवृत्ति बढ़ती है। यह तकनीकी-स्वावलंबन (tech self-reliance) के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है।
स्वदेशी ऐप्स के बढ़ते प्रभाव का मतलब यह भी है कि भारत की आईटी-उद्योग में सिर्फ सेवाएँ (services) ही नहीं, बल्कि उत्पाद (product)-निर्माण की संस्कृति भी विकसित हो रही है। Arattai उसी दिशा में संकेत-चिन्ह के रूप में देखा जा सकता है।
भारत के आईटी-क्षेत्र में बढ़ती बादशाहत और Arattai का स्थान
भारत के आईटी-उद्योग ने पिछले कुछ दशकों में शानदार विकास किया है, वैश्विक सेवा-प्रदाता से अब उत्पाद-निर्माण के क्षेत्र में भी कदम बढ़ा रहा है। भारत में निवेश, स्टार्ट-अप संस्कृति, वैश्विक निवेशकों की रुचि बढ़ने के साथ ही “इनोवेशन” उन्मुख मॉडल विकसित हो रहे हैं। घरेलू कंपनियाँ अब सिर्फ कस्टमर्स के लिए सेवाएँ देने तक सीमित नहीं हैं; वे ऐप, सॉफ़्टवेयर, प्लेटफॉर्म विकसित कर रही हैं जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
Arattai जैसे प्लेटफॉर्म इस बदलाव का उदाहरण हैं जहाँ भारत की एक सॉफ़्टवेयर कंपनी ने आम संचार उपकरण (messaging tool) तैयार किया है, जो विदेशी प्लेटफॉर्म्स को चुनौती दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Arattai ने कुछ दिवसों में लाखों डाउनलोड हासिल किए और यह “भारतीय व्हाट्सएप” के रूप में देखा गया। इस तरह, Arattai न सिर्फ ऐप डाउनलोड का मामला है बल्कि भारत-के-आईटी-मजबूती की दिशा में एक प्रतीक-घटना है, यह बताती है कि भारत अब “उपभोक्ता” के रूप में नहीं, बल्कि “निर्माता” के रूप में भी खड़ा हो रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में, सरकार-नीति-इनोवेशन-इकोसिस्टम के पहल ने भी वृद्धि की है जैसे डिजिटल इंडिया, डेटा-लोकलाइजेशन, साइबर-सुरक्षा रणनीति इत्यादि। इन परिवर्तनों के बीच Arattai जैसे ऐप्स का आगमन एक सामयिक संकेत है कि उद्योग-धारा बदल रही है।
चुनौतियाँ और आगे की राह
हालाँकि Arattai ने अच्छी शुरुआत की है, किन्तु इसे कुछ चुनौतियाँ भी झेलनी होंगी ताकि यह लंबे समय तक टिक सके और यथार्थ में एक मुख्यधारा का विकल्प बन सके:
1. एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2EE) का सवाल: समाचारों में यह उल्लेख है कि जबकि ऑडियो-वीडियो कॉल्स एन्क्रिप्टेड हैं, टेक्स्ट मैसेजिंग में अभी पूर्ण E2EE नहीं है। यह उपयोगकर्ताओं के लिए चिंता का विषय है, विशेष रूप से सुरक्षा-चेतित लोग इसे लेकर सावधान हैं।
2. उपयोगकर्ता-नेटवर्क प्रभाव (network effect): किसी ऐप की सफलता पर उसका नाम, मौजूद उपयोगकर्ताओं की संख्या, मित्र-परिवार का उपयोग इत्यादि बड़े प्रभाव डालते हैं। यही कारण है कि स्थापित ऐप्स को पार करना आसान नहीं। Reddit पर एक उपयोगकर्ता ने लिखा: “There is no End to End Encryption, this is not even in India and it will remain a side project.”
3. फीचर-समर्थन एवं निरंतर विकास: उपयोगकर्ताओं की अपेक्षाएं बदल रही हैं लाइव स्टोरीज, चैनल, मल्टी-डिवाइस सपोर्ट, ब्रॉडकास्टिंग टूल्स जैसे फीचर्स अब अपेक्षित हो गए हैं। न्यूज़ रिपोर्ट बताती हैं कि Arattai ने हाल ही में चैनल-सुविधाएं जोड़ी हैं।
4. मौजूदा प्रतिस्पर्धा: WhatsApp, Telegram, Signal आदि के मुकाबले नाम-पहचान और भरोसा हासिल करना बड़ी चुनौती है।
इस प्रकार, Arattai को अभी अपनी विशेष पहचान बनानी है जहाँ सिर्फ “स्वदेशी होना” ही पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि “विश्वसनीय, सुरक्षित तथा सुविधाजनक अनुभव” देना भी जरूरी होगा।
अंत में हम कह सकते हैं कि Arattai ने संचार के एक प्रमुख माध्यम मैसेजिंग ऐप में भारत-निर्मित विकल्प के रूप में कदम रखा है। इसकी उपयोगिता सहज संवाद, मल्टी-डिवाइस-सपोर्ट और स्वदेशी-प्रेरणा के कारण बढ़ रही है। साथ ही, यह भारत के आईटी-क्षेत्र में उत्पाद-मूलक सोच (product-led growth) की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है, जहाँ हम सिर्फ सेवाएँ नहीं बल्कि अपने प्लेटफॉर्म बना रहे हैं।
स्वदेशी भाव का यह मतलब सिर्फ यह नहीं कि ऐप भारत में बना है, बल्कि यह कि उपयोगकर्ता-स्वायत्तता, डेटा-नियंत्रण और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के परिप्रेक्ष्य में एक विकल्प प्रस्तुत करता है। यदि Arattai अपने सुरक्षा-स्तर, फीचर-रेंज और उपयोगकर्ता-समर्थन में सुधार करता है, तो यह भविष्य में संचार-एप्स की सूची में एक दमदार नाम बन सकता है।
भारत की आईटी-उद्योग के लिए यह एक प्रेरक उदाहरण है, “स्वदेशी ऐप, वैश्विक गुणवत्ता” का मेल संभव है। ऐसे में Arattai सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि भारत के डिजिटल-सामर्थ्य (digital capability) की दिशा में एक कदम है।
