PMVBRY और EEC 2025 पर जागरूकता संगोष्ठी: नियोक्ताओं की शंकाओं का समाधान, अनुपालन को मिलेगी रफ्तार
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संवाद 24 आगरा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), क्षेत्रीय कार्यालय आगरा और काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट्स (CLE) के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को डावर फुटवियर इंडस्ट्रीज़ में प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना (PMVBRY) और कर्मचारी नामांकन योजना (EEC)–2025 पर एक विशेष सेमिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य नियोक्ताओं को नई योजनाओं के प्रावधानों, पात्रता मानकों और कर्मचारी हितों से जुड़े लाभों के बारे में विस्तृत जानकारी देना था।
EPFO अधिकारियों ने दिए विस्तृत दिशा-निर्देश
कार्यक्रम में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त इंद्रनील घोष, सहायक भविष्य निधि आयुक्त मिथिलेश कुमार चौधरी, नोडल अधिकारी मोनिका कुलश्रेष्ठ, प्रवर्तन अधिकारी श्रवण कुमार मिश्र, रानु एवं राहुल कुमार वर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एफमेक (F-MEC) के उपाध्यक्ष राजीव वासन ने की।
PMVBRY: औपचारिक रोजगार बढ़ाने की बड़ी पहल
अपने स्वागत संबोधन में क्षेत्रीय आयुक्त इंद्रनील घोष ने बताया कि प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना (PMVBRY) 1 अगस्त 2025 से प्रभावी है। योजना के तहत सरकार ₹1 लाख प्रतिमाह तक वेतन पाने वाले नए कर्मचारियों के लिए नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले पीएफ योगदान के एक हिस्से का वहन करेगी। उन्होंने कहा कि यह कदम देश में 3.5 करोड़ से अधिक औपचारिक रोजगार सृजित करने के राष्ट्रीय लक्ष्य का हिस्सा है। घोष ने उद्योग प्रतिनिधियों से अधिकाधिक पंजीकरण कराने की अपील की।
EEC 2025: पुराने अनुपालन को नियमित करने का सुनहरा अवसर
कर्मचारी नामांकन योजना (EEC)–2025, 1 नवंबर 2025 से प्रभाव में आई है। इस योजना के माध्यम से नियोक्ता 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 तक के बीच के छूटे हुए पात्र कर्मचारियों का नामांकन बिना किसी दंड या विलंब शुल्क के कर सकते हैं। इससे नियोक्ताओं को पूर्व अनुपालन को स्वैच्छिक रूप से नियमित करने का अवसर मिलता है।
उद्योग जगत ने जताई प्रसन्नता
एफमेक उपाध्यक्ष राजीव वासन ने कहा कि PMVBRY और EEC–2025 दोनों योजनाएँ औपचारिक रोजगार वृद्धि और कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देने में अहम भूमिका निभाएँगी। उन्होंने EPFO के जागरूकता अभियान की सराहना करते हुए कहा कि उद्योगों को इन योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए।
एफमेक महासचिव प्रदीप वासन ने कहा कि यह पहल आगरा के लेदर और फुटवियर उद्योग के लिए अत्यंत उपयोगी है। इन योजनाओं से नियोक्ताओं पर अनुपालन का बोझ कम होगा और कर्मचारियों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने ऐसे सेमिनारों को उद्योग हित में आवश्यक बताते हुए EPFO टीम का आभार व्यक्त किया।
सेमिनार के दौरान नियोक्ताओं, HR प्रबंधकों और उद्योग प्रतिनिधियों ने दोनों योजनाओं की प्रक्रिया, पात्रता, लाभ और व्यावहारिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का समापन प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें उपस्थित प्रतिनिधियों की शंकाओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर एफमेक महासचिव प्रदीप वासन, CLE के उप निदेशक आर. के. शुक्ला, डावर फुटवियर के प्रबंधक राजीव मिश्र, तथा लेदर फुटवियर सेक्टर से जुड़े अनेक नियोक्ता और प्रतिनिधि शामिल हुए।






