17 नवंबर 2025 का वैदिक पंचांग
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संवाद 24 (आचार्य मधुसूदन अग्निहोत्री)
वैदिक पंचांग
अंग्रेजी दिनांक – 17 नवम्बर 2025, सोमवार
कालगणना
विक्रम संवत् – 2082
शक संवत् – 1947
कलियुग – 5127
संवत्सर – सिद्धार्थी
अयन – दक्षिणायन
ऋतु – हेमंत
मास, पक्ष एवं वार विवरण
मास – मार्गशीर्ष
पक्ष – कृष्ण
तिथि – त्रयोदशी (पूरे दिन)
नक्षत्र, योग एवं करण
नक्षत्र – चित्रा
योग – आयुष्मान
करण – गर, तत्पश्चात वणिज
सूर्य, काल एवं मुहूर्त
सूर्योदय – 06:46
सूर्यास्त – 05:37
ब्रह्ममुहूर्त – 05:10 से 05:58
अभिजीत मुहूर्त – 11:50 से 12:33
निशिता मुहूर्त – 23:44 से 00:36 (18 नव.)
राहुकाल – 08:07 से 09:28
दिशाशूल – पूर्व दिशा में
पंचक – नहीं
भद्रा – नहीं
व्रत / पर्व विवरण – सोम-प्रदोष व्रत
दिशा-विवेक
पूजा या आरती पूर्व या उत्तर दिशा में करना शुभ माना गया है। दक्षिण दिशा में पूजा करने से कष्ट बढ़ते हैं और पश्चिम दिशा में सुख में बाधा आती है। सोते समय सिर पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर रखने से स्वास्थ्य और मानसिक शांति मिलती है।
आज का विशेष उपाय (धन-लाभ हेतु)
संध्या के समय किसी प्राचीन शिव मंदिर में जाकर तिल के तेल का दीपक जलाएँ। उसके बाद “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जप करें। यह उपाय कर्ज से मुक्ति, धन की प्राप्ति और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।
