गुरु नानक देव जी: भारतीय संस्कृति के युगद्रष्टा और मानवता के मार्गदर्शक
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नई दिल्ली, संवाद 24।
भारतीय संस्कृति के उत्थान में गुरु नानक देव जी का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने समाज को सत्य, करुणा और समानता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। गुरु नानक वाणी ने मानव जीवन के मूल्यों — धर्म, सत्य, श्रम और सेवा — को जीवन में उतारने का आह्वान किया।
गुरु नानक देव जी ने अपने उपदेशों के माध्यम से भेदभाव और अंधविश्वास का विरोध करते हुए मानवता को एकता, प्रेम और नैतिकता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने कर्म, विचार और आचरण से ही ईश्वर की प्राप्ति हो सकती है।
उनकी वाणी आज भी गुरु ग्रंथ साहिब के रूप में मानवता को मार्ग दिखा रही है। गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक जागृति की नींव हैं, जो आज के युग में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी 500 वर्ष पूर्व थीं।




